प्रार्थना करो, अपेक्षा मत करो। फिर आप कभी भी उदास नहीं हो पाओगे। फिर बिना मांगे जो ईश्वरीय कृपा से प्राप्त होगा, उससे ही आप धन्यभागी हो जाओगे। और बहुत मिलता है, बहुत मिल रहा है, बहुत मिला ही हुआ है, मिलता ही रहा है। और जितने आप प्रसन्न होओगे, जितने आप धन्यभागी और अहोभाव से भरोगे, उतना ही ज्यादा और पाने का द्वार खुल जाता है।
और जितना आप विषाद से भरोगे, उतना ही आप सिकुड़ जाते हो, उतना ही कृपा के द्वार - दरवाजे बंद हो जाते हैं। जो मिलने वाला था, वह भी चूक जाता है।
तो कृतज्ञ हो जाओ अपने अस्तित्व, अपने शरीर, जो कुछ भी आपको मिला है, जितना प्रेम आपको मिला है उसके लिए। यह कृतज्ञता आप पर समृद्धि और आनंद की वर्षा कर देगी ।
जय गुरुदेव।
~sri sri 🌹
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